पीएम नरेंद्र मोदी जब से लक्षद्वीप का दौरा करके लौटे हैं तब से यह जगह चर्चा में है. अपनी खूबसूरती के लिए देश-दुनिया में मशहूर, लक्षद्वीप एक केंद्र शासित प्रदेश हैं. इसे 1956 में केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था. इससे पहले इसे लक्कादीव, मिनिकॉय और अमिनदीवी द्वीप समूह के नाम से जाना जाता था. 1973 में द्वीपों के इस समूह का नाम बदलकर लक्षद्वीप कर दिया गया.
कुल 36 द्वीपों के साथ, लक्षद्वीप भारत में सबसे कम एक्सप्लोर्ड जगहों में से एक है. यहां के प्राचीन सफेद रेतीले समुद्र तट, भव्य नीला पानी, आश्चर्यजनक मूंगा चट्टाने और शांति सबके मन को भाती है. आपको बता दें कि लक्षद्वीप के 36 द्वीपों में से केवल 10 पर ही लोग रहते हैं. लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश भी है.
अगर आप लक्षद्वीप की ट्रेवल करना चाहते हैं तो अपना बैग पैक करने से पहले इस बातों पर गौर करें. तान्या खानिजो नामक एक X यूजर ने लक्षद्वीप ट्रैवल से जुड़ी कुछ जरूरी बातें शेयर की हैं जो ट्रिप प्लान करने से पहले हम सबको पता होनी चाहिए.
लक्षद्वीप समूह में प्रवेश प्रतिबंधित है. द्वीप पर जाने के लिए लक्षद्वीप प्रशासन से एंट्री परमिट (Protected Area Permit/ PAP) की जरूरत होती है. आप लक्षद्वीप प्रशासन के ई-परमिट पोर्टल (http://lakshadweeptourism.com/contact.html) के माध्यम से PAP के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
एप्लिकेशन के लिए आपका नाम, पता, यात्रा का उद्देश्य, यात्रा की तारीखें और चुने हुए द्वीप जैसी बुनियादी जानकारी की जरूरत होती है.
आप अपने आईडी प्रूफ की स्कैन की हुई कॉपी और एक पासपोर्ट आकार की तस्वीर अपलोड कर सकते हैं.
एक बार सबमिट करने के बाद, आवेदन 7 वर्किंग दिनों के भीतर प्रोसेस किया जाता है.
आपको परमिट स्टेट्स के साथ एक ईमेल पर इंफर्मेशन मिलती है.
वैलिडिटी और फीस:
PAP यानी परमिट जारी होने की तारीख से 30 दिनों के लिए वैलिड है.
परमिट फीस सभी उम्र के लिए प्रति व्यक्ति 300 रुपये है.
जानकारी:
आप अपने आवेदन के दौरान उन द्वीपों को चुन सकते हैं जहां आप जाना चाहते हैं.
यात्रा के दौरान एप्रुव्ड PAP की एक प्रिंटेड कॉपी और अपना वैलिड आईडी प्रूफ साथ रखें.
लक्षद्वीप के कुछ द्वीपों पर स्कूबा डाइविंग या वन्यजीव फोटोग्राफी जैसी विशिष्ट गतिविधियों के लिए अलग से परमिट की जरूरत हो सकती है.
ज्यादा जानकारी के लिए संबंधित द्वीप अथॉरिटी से संपर्क करें.
ट्रांसपोर्टेशन:
फ्लाइट्स: दिल्ली से कोच्चि- लागत 12 हजार रुपये (राउंड ट्रिप).
फेरी: इंटर-आइलैंड ट्रांसफर 4,000-8,000 रुपये प्रति व्यक्ति (दो-तरफ़ा) तक होता है.
आवास:
बजट: अगत्ती द्वीप में 1,500-2,500 रुपये प्रति रात के हिसाब से गेस्टहाउस हैं.
मध्यम: बंगाराम द्वीप 15,000 रुपये प्रति रात पर कॉटेज देता है।
लक्जरी: कावारत्ती में 9,000 रुपये प्रति रात (सभी समावेशी) के लिए वातानुकूलित सुइट हैं.
वाटर एक्टिविटीज
मिनिकॉय द्वीप पर कैनोइंग
वाटर स्पोर्ट्स: स्नॉर्कलिंग 1,000 रुपये से शुरू होती है, स्कूबा डाइविंग 3,500 रुपये से और फिशंग टूर 1,000 रुपये से शुरू होता है.
दर्शनीय स्थल: द्वीप के टूर का खर्च प्रति व्यक्ति लगभग ₹1,000-1,500 है.
अन्य गतिविधियां:
स्थानीय गांवों का दौरा करें, पारंपरिक नाव निर्माण देखें.
रिलैक्सेशन के लिए आयुर्वेदिक मालिश और स्पा ट्रीटमेंट ले सकते हैं.
परमिट और टैक्स:
परमिट: गैर-भारतीयों के लिए अनिवार्य ₹300 प्रवेश परमिट आवश्यक है।
ग्रीन टैक्स: अगत्ती हवाई अड्डे पर आगमन पर प्रति व्यक्ति ₹300 का ग्रीन टैक्स लगाया जाता है।
घूमने का सबसे अच्छा समय:
अक्टूबर से फरवरी यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है. इस दौरान आर्द्रता बहुत ज्यादा नहीं होती है और मौसम काफी सुहावना होता है.
इन बातों का रखें ध्यान-
पर्याप्त नकदी अपने साथ रखें, क्योंकि कुछ द्वीपों पर एटीएम और क्रेडिट कार्ड की सुविधाएं सीमित हैं.
बेसिक मलयालम शब्द पता होने चाहिए.
प्लास्टिक कचरे को कम करें, कूड़ा-कचरा फैलाने से बचें और मैरिन इको सिस्टम का सम्मान करें.
अगर संभव हो तो समुद्र तट की सफ़ाई पहल में भी भाग लें.