पिछले कुछ सालों में जैसे-जैसे पर्यावरण के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ी है, वैसे-वैसे लोग जीवन के हर पहलू में इको-फ्रेंडली होने की कोशिश कर रहे हैं. और टूरिज्स सेक्टर भी इससे अछूता नहीं है. बहुत से लोग हैं जो दुनिया को बिना कोई नुकसान पहुंचाए इसकी सुंदरता को देखना चाहते हैं और ट्रेवल करना चाहते हैं.
क्या है इको फ्रेंडली टूरिज्म
इको फ्रेंडली टूरिज्म या सस्टेनेबल टूरिज्म एक प्रकार का जिम्मेदार पर्यटन है जिसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों या पर्यावरण को नकारात्मक रूप से नुकसान पहुंचाए बिना ट्रेवल करना है. इसमें पर्यावरण के साथ-साथ वन्यजीवों का संरक्षण, लोकल कम्यूनिटीज, उनकी कला, क्राफ्ट और संस्कृति का विकास और ग्रोथ को बढ़ावा देना शामिल है.
पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण:
इस प्रकार का पर्यटन जंगलों, जल निकायों और वन्यजीव आवासों सहित प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण पर जोर देता है. यह कम से कम कार्बन फुटप्रिंट छोड़ता है, कोई प्रदूषण नहीं करता है, कार्बन उत्सर्जन को कम करता है, और जैव विविधता का समर्थन और संरक्षण करने का प्रयास करता है.
स्थानीय संस्कृति और समुदायों को बढ़ावा देना:
पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन का उद्देश्य स्थानीय समुदायों को विकसित करने, उनकी कला, संस्कृति और रीति-रिवाजों का जश्न मनाने और उनकी सदियों पुरानी परंपराओं को बदले बिना रोजगार के अवसर हासिल करने में मदद करना है.
खपत कम करना:
क्या आपने होटलों में अपने बाथरूम के सिंक पर लिखे छोटे-छोटे नोट पढ़े हैं, जिनमें कई बार अपील की जाती है कि चादरों और तौलियों को बिना जरूरत के गंदा न करें क्योंकि ऐसा करने से प्रकृति पर ही नकारात्मक असर पड़ेगा. क्योंकि इन सभी चीजों को साफ करने में बहुत पानी खर्च होता है.
पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों का उपयोग:
पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन पूरी तरह से 'सिंगल यूज प्रोडक्ट्स' के उपयोग के विरुद्ध है, बांस के टूथब्रश से लेकर लकड़ी की कंघी तक और प्लास्टिक ट्यूब टूथपेस्ट के बजाय डेंटल टैबलेट से लेकर कांच की पानी की बोतल तक, आपको सिर्फ और सिर्फ इको-फ्रेंडली चीजें अपने साथ लेकर ट्रेवल करनी चाहिए.
समय की जरूरत और मांग के अनुरूप, पर्यावरण-अनुकूल होटलों में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही बहुत सी जगहें हैं आज भारत में जो सस्टेनेबल टूरिज्म के लिए बेस्ट हैं.
माजुली द्वीप, असम
माजुली विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है! असम में स्थित, यह सुंदर द्वीप अपने अनोखे लैंडस्केप और सस्टेनेबल दृष्टिकोण के लिए दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता है. इस मीठे पानी के द्वीप में कोई प्रदूषण नहीं है और द्वीप पर सिंगल-यूज प्लास्टिक पर भी प्रतिबंध है.
पुदुचेरी
पुदुचेरी का प्राचीन समुद्र तट शहर सुंदर रेतीले समुद्र तटों, नीले सागर और सांस्कृतिक विविधता के बारे में है. यह खूबसूरत जगह पर्यटकों को पर्यावरण-अनुकूल तरीके से शहर का भ्रमण करने के लिए साइकिल का उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है.
दरिंगबाड़ी, ओडिशा
ओडिशा के पूर्वी घाट में स्थित, कंधमाल जिले में दरिंगबाड़ी, भुवनेश्वर से लगभग 251 किमी दूर है. यह सुंदर हिल स्टेशन हरी-भरी पहाड़ियों, नदियों और झरनों के बारे में है. दरिंगबाड़ी ओडिशा के ग्रीन ट्रेवल डेस्टिनेशन्स का चेहरा है.
कूर्ग, कर्नाटक
कूर्ग कर्नाटक के पश्चिमी घाट में एक आश्चर्यजनक हिल स्टेशन है. यह स्थान नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान का भी घर है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है. यह स्थान अपनी सस्टेनेबल एप्रोच और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के लिए जाना जाता है.
खोनोमा, नागालैंड
नागालैंड का खोनोमा गांव एपिक है! यह भारत का पहला ग्रीन गांव भी है. लेकिन एक समय था जब खोनोमा के निवासी आजीविका के लिए सिर्फ पक्षियों और जानवरों के शिकार पर निर्भर थे. लेकिन, 1990 के दशक में सरकार द्वारा शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया और उसके बाद लोगों ने इसे भारत के पहले ग्रीन गांव के रूप में विकसित किया.