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Travel: जयपुर, नागपुर, जनकपुर.... कभी घूमें हैं ये ऐतिहासिक शहर, जानिए क्यों लगता है इनके नाम में 'पुर'

अक्सर लोग कहते हैं कि 'नाम में क्या रखा है,' लेकिन हम आपको बता दें कि जो है सब नाम में ही है. खासकर अगर आप ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो शहरों के नाम से आपको उनके बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा.

Hawa Mahal, Jaipur Hawa Mahal, Jaipur

बहुत से लोगों का सपना विदेशों में ट्रिप पर जाने का होता है. लेकिन विदेशों में जाने से पहले हमें अपने देश को घुमना और जानना चाहिए. क्योंकि भारत देश में इतना कुछ है देखने और जानने को कि आपकी बाकी सब इसके आगे फीका लगेगा. अगर आपको यह समझ नहीं आ रहा कि आप कहां कि ट्रिप प्लान करें तो इसमें हम आपको मदद कर देते हैं. आप भारत घुमने की शुरुआत यहां के ऐतहासिक शहरों से कर सकते हैं. ऐतिहासिक महत्व वाले शहर जैसे नागपुर, कानपुर, जयपुर, रायपुर, गोरखपुर, जनकपुर और उधमपुर आदि. 

वैसे इनके अलावा और भी बहुत से शहर हैं जो ऐतिहासिक हैं. लेकिन जिन शहरों के नाम 'पुर' आता है उनका ज्यादातर एक विशिष्ट इतिहास है जैसे जयपुर-जोधपुर को हम रजवाड़ों से जोड़ते हैं तो जनकपुर का माता सीता से. लेकिन क्या आपको पता है कि जगहों नामों के साथ पुर क्यों लगाते हैं?

'पुर' का महत्व समझना
शहरों के नाम में 'पुर' जोड़ने की परंपरा सदियों पुरानी है. किसी भी स्थान को नाम देने से पहले उसमें उस स्थान से संबंधित एक विशिष्ट पहचान समाहित की जाती है. शहर के नामों के संदर्भ में, 'पुर' का अर्थ शहर या किला है. प्राचीन संस्कृत भाषा से व्युत्पन्न 'पुर' शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है. पिछले युगों में राजा अपने राज्यों का नामकरण करते समय अक्सर 'पुर' शामिल करते थे, जैसा कि राजस्थान में जयपुर के मामले में देखा गया है. 

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'पुर' के प्रयोग की गहरी ऐतिहासिक जड़ें हैं, जो महाभारत काल के दौरान हस्तिनापुर जैसे स्थानों से इसके जुड़ाव से स्पष्ट होती हैं. यह परंपरा अपनी प्रासंगिकता और सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखते हुए युगों से चली आ रही है. आज भी शहरों के नाम में 'पुर' जोड़ने की प्रथा जारी है, जो भारत की प्राचीन विरासत से जोड़ती है.

अलग-अलग है सोच 
वैसे तो यह परंपरा मुख्य रूप से संस्कृत से जुड़ी है, कुछ का मानना ​​है कि 'पुर' शब्द अरबी भाषा में भी मौजूद है. यह संबंध अफगानिस्तान और ईरान जैसे देशों के शहरों में भी मिलता है, जहां उनके नाम के साथ 'पुर' जोड़ा जाता है. भारतीय शहरों के नामों में प्रत्यय 'पुर' एक भाषाई तत्व से कहीं ज्यादा है; यह देश के समृद्ध अतीत की एक कड़ी है.

प्राचीन परंपराओं में निहित, यह प्रीफिक्स या प्रत्यय शहरों की पहचान को आकार देता है, उन्हें उनकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भाषाई जड़ों से जोड़ता है. और फिर जब आप इन शहरों में घुमने पहुंचते हैं तो आपको हर दिन नई कहानियां और किस्से जानने को मिलते हैं और आपको लगता है कि भारतीय होकर आप भारत को ही नहीं जानते.