'मल्लिका-ए-हुस्न' सुरैया, जिनके लिए लगता था ट्रैफिक जाम
By: Nisha
एक्ट्रेस और सिंगर, सुरैया को उनकी खूबसूरती और आवाज़ के लिए आज भी याद किया जाता है.
ब्रिटिश भारत में गुंजरवाला में जन्मीं सुरैया को उनके मामा के जरिए हिंदी सिनेमा में कदम रखने का मौका मिला.
साल 1937 में सुरैया ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में अपनी शुरुआत की और वह ऑल इंडिया रेडियो पर गाती थीं.
साल 1943 में 'हमारी बात' फिल्म से वह सिंगिंग स्टार बनीं तो वहीं 1945 में 'तदबीर' फिल्म से उन्होंने बतौर लीड एक्ट्रेस खुद को स्थापित कर लिया.
1947 में आई 'परवाना' फिल्म ने उन्हें रातोंरात इतना मशहूर कर दिया कि उनके घर के बाहर फैन्स की लाइन लगने लगी.
उनकी एक झलक देखने के लिए ट्रैफिक जाम हो जाता था और बहुत से फैन्स अपने घरों के मंदिर में उनकी तस्वीरें रखते थे.
सुरैया को मल्लिका-ए-हुस्न के साथ-साथ मल्लिका-ए-तरन्नुम और मल्लिका-ए-अदाकारी के नाम से भी जाना जाता था.
सुरैया ने अपने समय में 67 फिल्मों में काम किया और 338 गाने गाए. वह अपने समय की सबसे महंगी एक्ट्रेस थीं.
'मिर्ज़ा ग़ालिब' फिल्म में उनके गायन के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने भी उनकी तारीफ की थी.
सुरैया की कहानी देव आनंद के जिक्र के बिना अधूरी है क्योंकि उनकी लव स्टोरी आज भी मशहूर है.
अपने परिवार के दवाब में सुरैया ने देव से रिश्ता तोड़ लिया लेकिन फिर ताउम्र शादी नहीं की.