'मूंछें हों तो नत्थूलाल जैसी...' वाले एक्टर को जानिए
मुकरी का जन्म 5 जनवरी 1922 को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग में हुआ था.
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उन्होंने अपने बॉलीवु़ड करियर की शुरुआत फिल्म प्रतिमा (1945) से एक्टर दिलीप कुमार के साथ की थी.
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फिल्मों में आने से पहले मुकरी काजी थे, जिनका काम मदरसे में बच्चों को कुरान पढ़ाना था.
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जब दिलीप कुमार देविका रानी के प्रोडक्शन हाउस बॉम्बे टॉकीज से जुड़े तो उन्होंने मुकरी के लिए भी यहां जगह बनाई.
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कहा जाता है कि जब दिलीप कुमार ने मुकरी की मुलाकात देविका रानी से करवाई तो वो उनकी स्माइल और अंदाज से इम्प्रेस हो गईं.
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एक ओर जहां उन्होंने दिलीप कुमार को 1944 में ज्वार भाटा से बतौर हीरो लॉन्च किया.
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वहीं, मुकरी की फिल्मों में बतौर आर्टिस्ट काम करने की इच्छा 1945 में फिल्म प्रतिमा से पूरी हुई. ये ज्वार भाटा के बाद बॉम्बे टॉकीज की दूसरी फिल्म थी.
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इस तरह हिंदी सिनेमा के पहले दौर के बेहतरीन कॉमेडियन मुकरी का फिल्मी सफर शुरू हुआ.
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1984 में आई फिल्म शराबी मुकरी के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई. ये किरदार था नत्थूलाल का.
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इस फिल्म के एक सीन में अमिताभ बच्चन उन्हें देखकर कहते हैं-मूंछें हों तो नत्थूलाल जैसी वर्ना न हों. मुकरी पर फिल्माया गया ये डायलॉग और सीन आज भी याद किया जाता है.