मशहूर डायरेक्टर रितुपर्णो घोष का जन्म 31 अगस्त 1963 को कोलकाता के एक बंगाली परिवार में हुआ था. उनके पिता सुनील घोष डॉक्युमेंट्री फिल्ममेकर और पेंटर थे.
रितुपर्णो घोष भले ही एक पुरुष थे, लेकिन उनको महिलाओं की तरह सजना संवरना पसंद था. उन्होंने खुद को महिला बनाने के लिए सर्जरी भी कराई थी.
Courtesy: Wikipedia
रितुपर्णो घोष महिलाओं की भावनाओं को अच्छी तरह से समझते थे. इसलिए उनकी ज्यादातर फिल्में भी वुमेन सेंट्रिक हैं.
रितुपर्णो घोष एक्टर, डायरेक्टर, लिरिसिस्ट और राइटर थे, उनको 12 नेशनल अवॉर्ड मिले थे. इसके अलावा उन्होंने कई इंटरनेशनल अवॉर्ड भी अपने नाम किए थे.
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उन्होंने एडवरटाइजिंग एजेंसी में बतौर क्रिएटिव आर्टिस्ट अपने करियर की शरुआत की थी. उनको फीचर फिल्म 'Unishe April' से पहचान मिली.
रितुपर्णो घोष ने बंगाली सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. घोष ने हिंदी और अंग्रेजी में भी फिल्में बनाई.
रितुपर्णो घोष एलजीबीटी ग्रुप का खुलकर सपोर्ट करते थे. घोष सत्यजीत रे से बहुत प्रभावित थे. टैगोर की रचनाओं का अक्सर उनकी फिल्मों में जिक्र होता था.
एक ऐसा समय भी आया, जब रितुपर्णो घोष महिलाओं की तरह साड़ी और सलवार-कुर्ता पहनने लगे थे. इसकी वजह से लोगों ने उनसे दूरी बना ली थी.
साल 2013 में मई महीने में 30 तारीख को मशहूर डायरेक्टर रितुपर्णो घोष का 50 साल की उम्र में कोलकाता में निधन हो गया.