महिला दिवस का मौका हर एक लड़की और महिला के लिए स्पेशल होता है और इस स्पेशल दिन को वीमेन-सेंट्रिक कंटेंट के साथ और खास बना सकते हैं.
आप OTT प्लेटफॉर्म्स पर कुछ Women Centric फिल्में या वेब सीरीज देख सकते हैं.
तृप्ति डीमरी की फिल्म कला हर एक लड़की को देखनी चाहिए. 'कला' एक युवा लड़की और उसकी मां के बीच संबंधों की एक भयावह कहानी है जो मानसिक बीमारी और कई चुनौतियों से जूझ रही है. यह खूबसूरत फिल्म है जो महिलाओं की कहानियों और आवाज़ को प्रदर्शित करती है.
'डार्लिंग्स' एक डार्क कॉमेडी है जो एक अपराध में शामिल होने वाली दो महिलाओं की कहानी पर आधारित है. यह फिल्म फीमेल फ्रेंडशिप को दर्शाती है और दिखाती है कि महिलाएं अपनी और अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं.
बुलबुल की कहानी बंगाल पर आधारित है और यह एक युवा दुल्हन की कहानी बताती है जो गांव की सदियों पुरानी, डरावनी कहानियों पर विश्वास करती है. जैसे-जैसे वह बड़ी होती जाती है, एक रहस्यमयी शक्ति उसे और गांव को घेर लेती है, और सभी लोगों को रहस्यमय तरीके से मार देती है.
'ट्रायल बाय फायर' उपहार सिनेमा अग्निकांड और उसके बाद हुई न्याय की कानूनी लड़ाई सहित वास्तविक जीवन की घटना पर आधारित है. नीलम कृष्णमूर्ति प्रमुख हस्तियों में से एक हैं जिन्होंने इस अग्निकांड में अपने दो युवा बच्चों को खो दिया. डॉक्यूमेंट्री में नीलम की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्हें न्याय और जवाबदेही के लिए एक शक्तिशाली आवाज के रूप में दिखाया गया है.
'दिल्ली क्राइम' (सीजन 1 और 2) सीरीज़ का पहला सीज़न 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप मामले पर आधारित था, जबकि दूसरा सीज़न चड्डी बनियान गैंग के बारे में था. डीसीपी वर्तिका चतुर्वेदी के रूप में शेफाली के अभिनय को आलोचकों और प्रशंसकों दोनों से सराहना मिली.
थप्पड़ फिल्म आज की महिलाओं को जरूर देखनी चाहिए. तापसी पन्नू का किरदार पितृसत्ता के खिलाफ आवाज उठाता है जब उसका पति उसे एक ऑफिस पार्टी में थप्पड़ मारता है. इस एक थप्पड़ के जरिए फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे महिलाएं एक के बाद एक कुर्बानी देती हैं और उन्हें खुद भी पता नहीं चलता.
तापसी पन्नू की फिल्म पिंक भी इस लिस्ट में जरूर शामिल होनी चाहिए. क्योंकि यह फिल्म बहुत ही जरूरी मैसेज लोगों को देती है कि No का मतलब सिर्फ ना ही होता है.