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आप सबने सुना या पढ़ा ही होगा कि श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता ने अपने वनवास के दौरान कंदमूल फल खाकर अपना समय बिताया था.
कंदमूल फल एक खास तरह का फल जो प्राचीन समय से खाया जा रहा है और आज भी देश के कई हिस्सों में खाया जाता है.
आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में भी इसका जिक्र मिलता है. कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में यह पाया जाता है.
कहते हैं कि कंदमूल फल जंगलों में अपने आप उग जाते हैं और इन्हें उगने मे 12-15 साल लग जाते हैं.
कंदमूल फल स्वाद में ही नहीं सेहत के लिए फायदों के मामले में भी चर्चित है.
कंदमूल खाने से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है. इस फल से संक्रमण से लड़ने के लिए एक्स्ट्रा पावर मिलती है.
खांसी, अस्थमा, कंजेशन और ब्रोंकाइटिस जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को खत्म करने के लिए कंदमूल वरदान से कम नहीं है.
कंदमूल फल खाने से पाचन बेहतर होता है. इसे खाने के बाद काफी देर तक भूख ही नहीं लगती है जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है.
इस फल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. गठिया, जोड़ों के दर्द और सूजन जैसी समस्याओं से यह राहत दिलाने का काम करता है.