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हर घर के किचन में जीरा होता है. इसका उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है. आयुर्वेद में जीरा को एक महत्वपूर्ण औषधि बताया गया है.
आयुर्वेद में तीन तरह के जीरे काला जीरा, सफेद जीरा और अरण्य जीरा (ये जंगली जीरा होता है) के बारे में बताया गया है. भारतीय घरों में अधिकतर मसाले के रूप में सफेद जीरे का इस्तेमाल होता है.
जीरा में पोटैशियम, मैग्निशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे खनिज तत्व पाए जाते हैं. जीरे में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन और फाइबर भी मौजूद होते हैं. यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है.
जीरा में चिकन, मटन और अंडा से भी ज्यादा विटामिन बी 12 पाया जाता है. यह विटामिन हमारे शरीर को लिए बेहद लाभदायक होता है. यदि आप वेजिटेरियन हैं तो जीरा का सेवन कर सकते हैं.
विटामिन बी 12 की कमी को दूर करने के लिए आप जीरा को कई तरह से डाइट में शामिल कर सकते हैं. आप जीरे को पीसकर या जीरे के पाउडर को हल्दी, दही या सूप में डालकर खा सकते हैं. सुबह खाली पेट जीरे के पानी का सेवन भी कर सकते हैं.
जीरा को पाचन के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसमें मौजूद गुण पाचन तंत्र को बेहतर रख कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार होते हैं.
यदि आप रोजाना जीरे के पानी का सेवन करते हैं तो इससे वजन को कम करने में भी मदद मिल सकती है. इतना ही नहीं ये शरीर की सूजन को कम करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार है.
जीरा में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के प्रतिरोधी क्षमता को मजबूत बनाते हैं. यह हमारे शरीर को कई प्रकार के संक्रमणों से बचाने में मदद करता है.
जीरा का सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है. डायबिटीज के रोगियों को जीरे का सेवन करने से फायदा हो सकता है.