सर्दियों के मौसम में गांव-देहात में खाया जाने वाला छोटा सा फल- करौंदा गुणों के मामले में बेशकीमती है.
झाड़ी की तरह के पौधे पर लगने वाला करौंदा इतने औषधीय गुणों से भरपूर है कि इससे कई बीमारियों को रोका जा सकता है.
कच्चा करौंदा हरा-पीला होता है लेकिन जैसे ही यह पकता है बहुत सुंदर गोल मटोल लाल रंग का हो जाता है.
इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के मुताबिक करौंदा में प्रचूर मात्रा में आयरन, विटामिन सी और विटामिन बी पाया जाता है.
यह एंटीस्कॉरब्यूटिक होता है यानी एनीमिया के इलाज में करौंदा बेहद फायदेमंद होता है. छाती के दर्द में भी करौंदा का इस्तेमाल किया जाता है.
एक रिसर्च के मुताबिक करौंदा की पत्तियां बुखार में रामबाण साबित हो सकता है. वहीं करौंदा की जड़ से छाती के दर्द का इलाज किया जाता है.
करौंदा में पेक्टिन नाम का फाइबर होता है जो कॉन्स्टिपेशन, पेट दर्द, पेट में क्रैंप आदि को दूर करता है.
करौंदा में मैंग्नीशियम के साथ-साथ विटामिन और ट्रिप्टोफेन होता है जो न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन के प्रोडक्शन को बढ़ा देता है जिससे मानसिक स्वास्थ्य सही रहता है.
करौंदा में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है. यानी यह सूजन से संबंधित सभी समस्याओं में फायदेमंद होता है.