हींग (असाफोटिडा) एक सुगंधित मसाला है, जो मुख्य रूप से अफगानिस्तान, ईरान और तुर्कमेनिस्तान से आता है.
यह न केवल स्वाद बढ़ाने के लिए बल्कि पाचन और स्वास्थ्य लाभ के लिए भी उपयोगी होता है.
हींग का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है, खासकर गैस, अपच और सर्दी-खांसी में.
भारत में हींग की खेती नहीं होती, लेकिन इसे आयात करके प्रोसेस कर बाजार में बेचा जाता है.
हींग फेरूला (Ferula) प्रजाति के पौधों के रस से प्राप्त किया जाता है.
पौधे की जड़ को काटने पर उससे सफेद दूधिया रस निकलता है, जो हवा के संपर्क में आते ही गाढ़ा और भूरा हो जाता है.
इस गाढ़े पदार्थ को सुखाकर हींग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
हींग को शुद्ध रूप में बेचना मुश्किल होता है, इसलिए इसे गेहूं के आटे या गोंद के साथ मिलाकर पाउडर के रूप में बेचा जाता है.
इसका इस्तेमाल भारतीय, अफगानी और ईरानी खाने में खासतौर पर किया जाता है.
हींग को सुखाने और प्रोसेस करने के बाद इसे छोटे टुकड़ों, गोंद के रूप में या पाउडर के रूप में बेचा जाता है.