गर्मी के मौसम में तरबूज की खूब डिमांड होती है. तरबूज खाने से शरीर को कई फायदे होते हैं.
बाजार में केमिकल से पकाए तरबूज भी खूब मिलते हैं, जो सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होते हैं.
अगर आप मार्केट में तरबूज खरीद रहे हैं तो ये जानना जरूरी है कि कौन सा तरबूज केमिकल से पकाया गया है.
अगर तरबूज को काटने पर उसके बीच दरार या कई छेद दिखाई देता है तो उसे केमिकल से पकाया गया है.
तरबूज के रंग से भी ये पहचान की जा सकती है कि उसे केमिकल से पकाया गया है या नेचुरल तौर पर पका है.
इसके लिए एक टिशू पेपर कटे तरबूज की सतह पर रखें. अगर टिशू पेपर लाल रंग का दिखता है तो ये केमिकल से पकाया गया है.
तरबूज को खरीदने के बाद 3-4 दिन तक ऐसे ही रख दें. अगर उसकी सतह पर झाग निकलता दिखता है तो उसे केमिकल से पकाया गया है.
कई बार तरबूज के ऊपर की सतह पर हल्का सफेद या भूरे रंग का पाउडर जैसा दिखता है. लेकिन ये धूल नहीं होती है. यह पाउडर कार्बाइड हो सकता है.
इंजेक्शन से पकाए गए तरबूज ज्यादा लाल होते हैं और इसे काटने पर ज्यादा मीठा भी लगता है. लेकिन ये जल्दी सड़ जाते हैं.