दूध पीना सेहत के लिए बहुत अच्छा है और हर घर में दूध आता ही है.
कुछ लोग गाय भैंस का दूध मंगाते हैं तो कुछ लोग बाजार में मिलने वाली थैलियों वाला दूध लाते हैं.
लेकिन आजकल बाजार में मिलावटी और सिंथेटिक दूध आ रहा है. इतना ही नहीं गाय भैंस पालने वाले डेयरी वाले भी दूध में पानी मिलाकर बेच रहे हैं.
आइए जानें कि जो दूध आपके घर में आ रहा है वो शुद्ध है या मिलावटी.
स्वाद के मामले में असली दूध हल्का-सा मीठा स्वाद लिए हुए होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा हो जाता है.
सबसे पहले दूध में पानी की मिलावट को परखने के लिए किसी लकड़ी या पत्थर पर दूध की एक या दो बूंद गिराइए.
अगर दूध बहकर नीचे की तरफ गिरे और सफेद निशान बन जाए तो दूध पूरी तरह से शुद्ध है.
सिंथेटिक दूध में अगर साबुन जैसी गंध आती है तो इसका मतलब है कि दूध सिंथेटिक है, जबकि असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती है.
असली दूध स्टोर करने पर अपना रंग नहीं बदलता, जबकि नकली दूध कुछ वक्त के बाद पीला पड़ने लगता है.
जब हम असली दूध को उबालें तो इसका रंग नहीं बदलता, वहीं नकली दूध उबालने पर पीले रंग का हो जाता है.
असली दूध को हाथों के बीच रगड़ने पर कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती.
वहीं, नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे तो आपको डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी.