बंगाल पुनर्जागरण पर कोई भी चर्चा रबीन्द्रनाथ टैगोर के जिक्र के बिना पूरी नहीं होती.
टैगोर एशिया के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता थे और उनके साहित्य, संगीत और कला में योगदान के कारण वह भारत की सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक हैं.
हम सब जानते हैं कि टैगोर का लेखन और संगीत पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. हालांकि, एक और चीज है टैगोर से जुड़ी हुई जो पूरी दुनिया में मशहूर है और वह है खाना.
उनको खाने का बहुत शौक था और वह खाने के साथ एक्सपेरिमेंट करना भी बहुत पसंद था.
शायद इसलिए ही, उनकी 50वीं सालगिरह पर उनकी भतीजी ने एक खास तरह की मिठाई बनाई जिसका नाम है कवीशंवर्धना- जिसका अर्थ है कवि के सम्मान में.
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बर्फी को मैदा, आटा या बेसन से नहीं बल्कि फूलगोभी से बनाया जाता है.
इस बर्फी को बनाने के लिए सबसे पहले फूलगोभी को काटकर उबाला जाता है और फिर उसे सिलबट्टे पर पीसा जाता है और फिर इसे एक पैन में घी के साथ पकाया जाता है.
जब घी और फूलगोभी अच्छी तरह मिल जाए और आकार लेने लगे तब इसमें इलायची मिलाई जाती है, इसके बाद इसमें केसर या केसर के धागे मिलाए जाते हैं.
सबसे आखिर में इस मिश्रण में चीनी मिलाई जाती है और फिर इसे तब तक पकाया जाता है जब तक कि यह सारा मिश्रण एकदम पका हुआ न दिखने लगे.
अब एक थाली में अच्छे से घी लगाएं और इस मिश्रण को हल्का ठंडा करके इसमें फैला लें और इस पर काजू-बादाम के टुकड़े डालें.
इस मिश्रण के पूरी तरह जम जाने पर चाकू से डायमंड आकार में बर्फी काटें.