असली और नकली घी पता करने का सिंपल तरीका
By-GNT Digital
त्योहार का सीजन शुरू होते ही बाजार में मिलावटी सामानों की काला बाजारी शुरू हो जाती है. फिर चाहे मिठाईयां हों, मेवा हो या फिर घी.
त्योहारों में इन सब खाद्य पदार्थों की खपत बढ़ जाती है जिसको पूरा करने के लिए व्यपारी मिलावटी सामान का सहारा लेने लगते हैं. जिसके सेवन से सेहत पर बुरा असर पड़ता है.
बताते चलें कि शुद्ध घी का रंग थोड़ा पीला या सुनहरा होता है. शुद्ध घी कभी भी स्मूथ टेक्सचर में नहीं होता है.
शुद्ध घी का दानेदार टेक्सचर होता है यह उसके सुनहरे भाग की तुलना में सफेद होता है, जो ऊपर तैरता है.
बाजार से लाए हुए घी में खुशबू और प्रीजर्वेटिव्स होते हैं, ताकि उन्हें लंबे समय के लिए स्टोर करके रखा जाया जा सके.
वहीं, घर के बने या शुद्ध घी में बहुत ज्यादा खुशबू नहीं होती है.
जब भी आप बाजार से घी लाएं तो उसे हाथ पर लगाकर देखें. अगर वह पिघल जाता है तो मतलब असली है लेकिन ऐसा ना होने पर तुरंत वापस कर दीजिए दुकानदार को.
दो चम्मच घी में आयोडीन डालकर देखिए अगर उसका रंग पर्पल हो जाता है तो मतलब घी नकली है. उसे बिल्कुल ना खरीदें.
इसके अलावा आप घी में चीनी मिलाकर अच्छे से चलाकर रखने पर अगर उसका रंग लाल हो जाए तो मतलब उसमें तेल की मिलावट की गई है.