शुभ कार्य करने से पहले क्यों खाते हैं दही-चीनी?

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हिंदू धर्म में कई रिती-रिवाजों का पालन किया जाता है. घर के बड़े-बुजुर्ग हमेशा हमें घर से निकलते वक्त दही-चीनी खाने की सलाह देते आए हैं.

दही-चीनी खाकर घर से निकलने की परंपरा सदियों से चली आ रही है लेकिन आज भी ज्यादातर लोग इसके पीछे का कारण नहीं जानते हैं.

आइए दही-चीनी खाने के पीछे की धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व जानते हैं.

दही को पांच अमृत तत्वों में एक बताया गया है. इसके कारण धार्मिक रूप से इसका महत्व काफी बढ़ जाता है. 

चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है और सफेद वस्तुओं जैसे चीनी, दही और दूध को चंद्र की चीजें माना जाता है.

ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति किसी शुभ कार्य के लिए जाते समय दही-चीनी खाकर जाते हैं तो कार्य करते समय मन एकाग्र रहता है और सफलता प्राप्त होती है.

वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो दही में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन B6 और विटामिन B12 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं.

दही में चीनी मिलाने से वह ग्लूकोज का काम करता है. इस तरह से दही और चीनी खाने से हमारे शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है.

घर से निकलते वक्त दही खाने से अपच, एसिडिटी जैसी दिक्कतें नहीं होती. यही कारण है कि दादा-दादी और नाना-नारी घर से निकलते समय दही-चीनी खाने की सलाह देते हैं.