कुछ लोगों को हाथों से खाना ज्यादा पसंद होता है. उन्हें खाने का स्वाद इसी से आता है.
केवल भारत में ही नहीं बल्कि श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और नेपाल में लोग हाथों से ही खाते हैं.
हालांकि, हाथों से खाने की कला के पीछे भी विज्ञान है. इसका जिक्र पारंपरिक भारतीय शास्त्रों और आयुर्वेदिक प्रथाओं में मिलता है.
आयुर्वेद के अनुसार, पांचों उंगलियां पांच तत्वों का प्रतीक हैं- अंगूठा अग्नि का, तर्जनी उंगली हवा का, मध्यमा उंगली आकाश और अनामिका और छोटी उंगली पृथ्वी और जल का प्रतिनिधित्व करती है.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हाथों से भोजन करते समय व्यक्ति नियंत्रित अनुपात में खाता है और इसलिए वह ज्यादा नहीं खाता है.
आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह से धोया जाना चाहिए.
खाते समय उंगलियां मुंह में नहीं घुसनी चाहिए, बल्कि खाने को मुंह में धकेलना चाहिए.
हाथों से खाना किसी की संस्कृति और विरासत से जुड़ने का सही तरीका है और इसके कई फायदे हैं.
हाथों से खाना खाने से आपके पाचन में सुधार होता है क्योंकि आप भोजन को ठीक से चबा पाते हैं.