अमरीक-सुखदेव: करोड़ों में है इस ढाबे की कमाई

शायद ही कोई होगा जिसने अमरीक सुखदेव ढाबे का नाम न सुना हो और दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लगभग सभी लोगों ने एक न एक बार तो इस ढाबे की ट्रिप की ही होगी.

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अमरीक सुखदेव ढाबा दिल्ली-चंडीगढ़ हाइवे पर स्थित मशहूर ढाबा है जहां सिर्फ भारतीय नहीं बल्कि विदेशी टूरिस्ट भी पहुंचते हैं. 

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इस ढाबे पर आप मक्खन और लस्सी के साथ गर्मा-गरम आलू के पराठों का मजा ले सकते हैं. यहां जैसा टेस्ट आपको और कहीं नहीं मिलेगा.

यहां के पराठों की क्वालिटी, टेस्ट और लोगों के बीच पॉपुलैरिटी के कारण है, Taste Atlas नामक प्लेटफॉर्म ने इस ढाबे को दुनिया के 150 सबसे ज्यादा प्रसिद्ध रेस्टोरेंट्स में शामिल किया है. 

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इस ढाबे को सरदार प्रकाश सिंह ने 1956 में अपने बेटों के नाम पर की थी. उनका इरादा मूल रूप से ट्रक ड्राइवरों को देर रात खाना खिलाने का था.

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बाद में उनके बेटों, अमरीक सिंह और सुखदेव सिंह ने इसे संभाला और धीरे-धीरे इसे दुनियाभर में मशहूर कर दिया.  

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ढाबे की सफलता के पीछे कई वजहें हैं जैसे इसकी एकदम सही लोकेशन, साफ-सफाई, खाने की क्वालिटी, स्वाद और सर्विस.

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इस ढाबे को अपने ग्राहकों को चारपाई पर पराठे, लस्सी, दाल रोटी, सब्जी और चावल परोसने के लिए जाना जाता था. 

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अमरीक सिंह और सुखदेव सिंह ने इसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए इसे आज एक लक्जरी ढाबा बना दिया है जहां दिल्ली से हिमाचल या पंजाब के बीच सभी लंबी रूट की बसें रुकती हैं. 

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इतना ही नहीं, दिल्ली और आस-पास के इलाकों से कई फूड लवर और घूमने के शौकीन लोग यहां पराठों का स्वाद लेने पहुंचते हैं.  

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