सेब के छिलके में अंदर की तुलना में अधिक विटामिन और फाइबर होता है. छिलका निकाल देने से इसमें मौजूद विटामिन ए, सी और के का नुकसान होता है.
केले के छिलके में फाइबर और पोटैशियम इसके पल्प से ज्यादा होता है. इसमें पाया जाने वाला ट्रिप्टोफेन डिप्रेशन को ठीक करने में मदद करता है.
आलू के छिलके में इसके पल्प से 7 गुना ज्यादा कैल्शियम और 17 गुना ज्यादा आयरन होता है. छिलका निकाल देने से आलू में न्यूट्रिएंट्स और फाइबर की मात्रा 90% तक कम हो जाती है.
संतरे के छिलके में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है. इसका छिलका विटामिन बी 6, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरा होता है.
खीरे के अधिकांश पोषक तत्व उसके छिलके में मौजूद होते हैं. इसके छिलके में भरपूर मात्रा में पोटैशियम, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर होता है. विटामिन के भी पाया जाता है.
बैंगन के छिलके में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बैंगन ज्यादा गहरे रंग का होता है, उसमें विशेष किस्म के पोषक तत्व पाए जाते हैं.
नाशपाती के छिलके फाइबर, एंटी-इंफ्लेमेटरी और फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं. इसका सेवन छिलके सहित करना चाहिए.
नींबू का छिलका स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा है. ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत जल्दी बूस्ट कर देता है. इसमें कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो कैंसर से बचाव करते हैं.
कीवी को छिलके सहित खाने से फाइबर की मात्रा तीन गुना बढ़ जाती है. इसका छिलका विटामिन-सी से भी भरपूर होता है, इसलिए इसे बिना छीले ही खाएं.
अनार का छिलका गले की खराश दूर करने के लिए बहुत ही कारगर उपाय है. ये मसूड़ों की समस्या को दूर करने में भी बहुत फायदेमंद है. इसमें आयरन की भरपूर मात्रा होती है.