सावन में मांस-मछली खाने से क्या होता है?

सावन को शिव का महीना माना जाता है और पूरे महीने शिव आराधना की जाती है.

सावन में भगवान शिव की पूजा के कारण मांसाहार का सेवन वर्जित माना जाता है.

वैज्ञानिक कारणों को देखें तो सावन के महीने में हमारी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. इसलिए मांसाहार भोजन को पचने में समय लगता है.

इसके अलावा हिंदू धर्म में किसी भी जीवित चीज को मारना पाप माना जाता है. इसलिए भी सावन के महीने में मांस-मछली से परहेज करने को कहा जाता है.

बरसात के मौसम में जानवरों में संक्रमण का खतरा होता है, ऐसे में जानवरों का मांस इंसानों की सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होता है.

ऐसा माना जाता है कि मांसाहारी भोजन शरीर में गर्मी पैदा करता है और इस वजह से आपका मन भोग-वासना की तरफ आकर्षित होता है.

यही कारण है कि सावन के महीने में मांसाहार न करने की सलाह दी जाती है.