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चाय के साथ मेहमानों के लिए नाश्ते में समोसा लग जाए तो बात ही क्या है.
बारिश के मौसम में भी गर्मा-गर्म समोसा मज़ा दोगुना कर देता है.
भारत के हर घर में आज समोसा एक लोकप्रिय व्यंजन है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि समोसा भारत का मूल व्यंजन नहीं है?
जी हां. समोसे की शुरुआत भारत नहीं बल्कि मध्यपूर्वी एशिया में हुई थी. यानी अरब देशों में.
इतिहासकारों ने पता लगाया है कि 10वीं से 13वीं शताब्दी के बीच अरब में समोसा खाया जाता था.
उस समय की रेसिपी की किताबों में समोसे को 'समबुसक' के नाम से पुकारा गया है.
इसका नाम फारसी के शब्द 'सम्बोसग' के ऊपर रखा गया है, जिसका अर्थ होता है त्रिकोणीय पेस्ट्री.
भारत में समोसा मुस्लिम शासकों के साथ आया. इनके बावर्चियों ने भारत में यह पकवान बनाना जारी रखा.
मशहूर राहगीर इब्न-ए-बतूता की लेखनी के अनुसार उन्होंने मोहम्मद शाह तुग़लक के दरबार में भी समोसे का सेवन किया था.