मकर संक्रांति पर क्यों बनाते हैं खिचड़ी

By- Shatakshi Singh

मकर संक्रांति के त्योहार में खिचड़ी बनाने और खिचड़ी दान करने के पीछे बाबा गोरखनाथ की एक फेमस कथा प्रचलित है

ऐसा कहा जाता है कि जब खिलजी ने आक्रमण किया था, उस समय चारों तरफ हाहाकार मच गया था. 

युद्ध की वजह से नाथ योगियों को भोजन बनाने का भी समय नहीं मिल पाता था. लगातार भोजन की कमी से वे कमजोर होते जा रहे थे

नाथ योगियों की उस दशा को बाबा गोरखनाथ नहीं देख सके और उन्होंने लोगों से दाल चावल और सब्जी को एक साथ मिलाकर पकाने की सलाह दी

बाबा गोरखनाथ की यह सलाह सभी नाथ योगियों के बड़े काम आई

दाल चावल और सब्जी एक साथ मिलाने से बेहद कम समय में आसानी से पक गया

इसके बाद बाबा गोरखनाथ ने ही इस पकवान को खिचड़ी का नाम दिया

खिलजी से युद्ध समाप्त होने के बाद बाबा गोरखनाथ और योगियों ने मकर संक्रांति के दिन उत्सव मनाया और उस दिन लोगों को खिचड़ी बाटी

उसी दिन से मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बाटने और बनाने की प्रथा शुरू हो गई