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1. कंडीशनिंग : आपको अपने दिमाग को यह सिखाना बहुत जरूरी है कि बेड सिर्फ सोने के लिए है, लेटकर टीवी या फोन देखने के लिए नहीं.
जब आप ऐसा करेंगे तो आपका दिमाग बेड में लेटते ही सोने के लिए तैयार हो जाएगा.
2. कंटेंट : टीवी पर कई तरह का कंटेंट आपको सोचने के लिए मजबूर कर सकता है. यह आपकी नींद के बीच में बड़ी बाधा है.
3. सिर्केडियन रिदम : टीवी की रोशनी आपके दिमाग को ऐसा संकेत देती है जैसे दिन निकला हो. इससे अंधेरे का हार्मोन 'मेलाटोनिन' दब जाता है.
4. प्री-मैच्योर स्लीपिंग: टीवी कई बार जल्दी सोने में आपकी मदद कर सकता है लेकिन ऐसे में आप पूरी रात सो नहीं पाते.
कई लोग काम से फुरसत मिलने के बाद लेटकर टीवी देखने लगते हैं. इससे अगर आप जल्दी सो जाते हैं तो बीच रात आपकी आंख खुल सकती है.
5. शोर : टीवी की आवाज और रोशनी में उतार-चढ़ाव आपको परेशान कर सकता है. अगर आप सो गए हों तो यह आपको जगा भी सकती है.