बड़े काम का है बेहया का पौधा, इन बीमारियों में फायदेमंद

बेहया या बेशर्म या थेथर का पौधा तालाब और नदी-नालों के किनारे पाया जाता है. ये पौधा जहरीला होता है. लेकिन कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में ये फायदेमंद साबित होता है.

यह पौधा भारत में आसानी से मिल जाता है. ये सड़क किनारे, खाली जगहों पर उगता है. ये नमी वाली जगहों पर उगता है.

इस पौधे को जानवर भी नहीं खाते हैं, क्योंकि ये जहरीला होता है. लेकिन ये मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द में लाभदायक होता है. चलिए इस पौधे के फायदे बताते हैं.

मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द मिटाने के लिए इसके पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है. दर्द वाली जगह पर इसके पत्तों को लगाने से राहत मिलती है.

बेहया के पत्तों में प्रभावशाली एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो दर्द के लिए जिम्मेदार इंफ्लामेशन को खत्म करते हैं.

इस पौधे में एंटी माइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं. ये घाव या जख्म को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं. 

पुराने समय में बेहया के पत्तों का इस्तेमाल घाव को ठीक करने में किया जाता था. इसकी पत्तियों पर तेल लगाकर हल्का गर्म किया जाता था और उसे जख्मों पर बांध दिया जाता था.

बेहया की टहनी को काटने से सफेद पदार्थ निकलता है. माना जाता है कि बिच्छू के डंक मारने पर इसे लगाने से राहत मिलती है. इससे जहर कम होता है.

अगर स्किन एलर्जी, रैशेज, खुजली जैसी समस्या है तो इस पौधे की जड़ को सुखाकर कपूर और कोकड़े का तेल मिलाकर स्किन पर लगाने से राहत मिलती है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है.