मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से खाने में आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं.
मिट्टी के बर्तन में भोजन बनाने से इसका पीएच लेवल संतुलित रहता है. इसमें बना खाना न सिर्फ हेल्दी होता है बल्कि इसकी सुगंध भी इसे बेहतर बनाती है.
कई शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि मिट्टी के बर्तन में बना भोजन एसिडिटी की समस्या में भी फायदेमंद होता है.
मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाने में तेल का इस्तेमाल बहुत कम होता है.
मिट्टी के बर्तनों में खाना धीमी गति से पकता है, जिसकी वजह से भोजन और बर्तन में पर्याप्त नमी बरकरार रहती है.
मिट्टी के बर्तनों में अल्कलाइन मौजूद होते हैं, जो इसके पीएच स्तर को संतुलित रखते हैं. संतुलित पीएच स्तर एसिडिटी की समस्या में फायदेमंद माना जाता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि मिट्टी के बर्तन में बने भोजन का सेवन करने से डायबिटीज के रोगियों के शरीर की इम्यूनिटी बेहतर होती है.
मिट्टी के बर्तनों को धोने के लिए आपको केमिकल युक्त साबुन या लिक्विड की जरूत नहीं होती. आप इसे गर्म पानी की मदद से साफ कर सकते हैं.
विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि मिट्टी के बर्तन में बने खाने का सेवन दिल के लिए बहुत फायदेमंद होता है.