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आदर्श रूप से आपका वर्कआउट ऐसा होना चाहिए कि आपका शरीर वर्कआउट के बाद भी कैलरी जलाता रहे.
दूसरे शब्दों में, आराम करते हुए भी आपको आपके वर्कआउट का फायदा होना चाहिए.
इसे आफ्टर-बर्न इफेक्ट कहा जाता है. इस इफेक्ट में आपका शरीर के 24 घंटे बाद तक कैलरी जलाता रहता है.
आइए नजर डालते हैं ऐसे वर्कआउट्स पर जिनसे आफ्टर-बर्न इफेक्ट पैदा होता है.
कॉम्प्लैक्स मूवमेंट : कॉम्प्लैक्स मूवमेंट्स कई तरह के वर्कआउट्स को एक साथ बांध देती हैं.
इसमें लंज, बर्पी, साइड प्लैंक, पुश-अप्स, स्क्वाट टू लंज के साथ लंज वॉक शामिल है. ये एक्सरसाइज सही तरह करने से आप आफ्टर-बर्न इफेक्ट पैदा कर सकते हैं.
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग : नी पुश-अप, हाफ-नी पुश-अप और क्विक पुश-अप. ये स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के तीन बहुत अहम प्रकार हैं.
अपने शरीर से होने वाली स्ट्रेंथ ट्रेनिंग इसलिए भी अच्छी है क्योंकि इसे आप कहीं भी कर सकते हैं. आप फ्री-वेट्स और रेजिस्टेंस बैंड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
कार्डियो वर्कआउट : इनमें साइकिल चलाना, स्पीड स्पॉट जॉगिंग, जंपिंग जैक या कम जोरदार व्यायाम शामिल हैं.
क्योंकि इस प्रकार का वर्कआउट आपकी हृदय गति बढ़ाता है, यह ईपीओसी को काफी हद तक बढ़ावा देने के लिए कारगर है.
सर्किट ट्रेनिंग और कंपाउंड बॉडी मूवमेंट: इनमें लेटरल पुलडाउन, सिंगल-बार और डम्बल के साथ पैरेलल बार लंजेस शामिल हैं।