क्या सिगरेट और शराब पीने वाली महिलाएं नहीं बन सकती मां!

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महिलाओं में शराब और सिगरेट पीने का शौक बढ़ते जा रहा है, जो उनकी सेहत के लिए खतरनाक है. इससे उन्हें प्रेगनेंसी से पहले और प्रेगनेंसी के दौरान कई खतरे हो सकते हैं. आइए जानते हैं क्या सच में सिगरेट और शराब पीने वाली महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं.

डॉक्टरों के मुताबिक गर्भवती होने के कम से कम तीन महीने पहले धूम्रपान और शराब छोड़ देना चाहिए क्योंकि आगे चलकर ये महिला को गंभीर बीमारी का शिकार बना सकता है.

सिगरेट और शराब पीने से महिलाओं के हार्मोन में बदलाव के साथ-साथ शरीर में भी कई तरह कि परेशानियां हो सकती हैं.

सिगरेट और शराब पीने से गर्भावस्था के दौरान मिसकैरेज का भी खतरा बना रहता है. डॉक्टर बताते हैं कि महिलाओं में गर्भ के 20वें सप्ताह से पहले मिसकैरेज का रिस्क रहता है.

सिगरेट का धुआं महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. इससे गर्भधारण में देरी होती है और बांझपन की भी संभावना हो सकती है. 

शराब पीने से ऑव्यूलेशन कम होने का खतरा रहता है. महिला की ड्रिकिंग हैबिट बच्चे में कई तरह के डिसऑर्डर भी  पैदा कर सकती है.

एक्सपर्ट के मुताबिक नियमित रूप से थोड़ी मात्रा में भी शराब पीने से गर्भधारण में लंबा समय लगता है. इससे हार्मोन उत्पादन में बाधा उत्पन्न हो सकती है. 

सिगरेट और शराब पीना ना केवल वर्तमान पीढ़ी पर बल्कि अगली पीढ़ी पर भी प्रभाव डाल सकता हैं. धूम्रपान से भ्रूण को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी हो सकती है. शराब से भ्रूण में अल्कोहल सिंड्रोम और अन्य विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

प्रेगनेंसी में शराब और सिगरेट पीने से गर्भपात, समय से पहले डिलीवरी और मृत शिशु का खतरा बढ़ जाता है. इससे फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर का रिस्क बढ़ सकता है, जिससे बच्चे के चेहरे और दिमाग पर असर पड़ सकता है.