प्रोटीन पाउडर से जुड़े कॉमन मिथक

हम सभी जानते हैं कि प्रोटीन हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है.

अगर हम प्रोटीन को अपनी डाइट में शामिल न करें, तो ये शरीर को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. बावजूद इसके प्रोटीन को लेकर तरह-तरह के मिथक फैले हुए हैं.

मिथक- प्रोटीन सप्लीमेंट केवल बॉडी-बिल्डरों के लिए है प्रोटीन सप्लीमेंट केवल बॉडी-बिल्डरों या जिम में एक्सरसाइज करने वालों के लिए ही है. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो ये बिल्कुल अफवाह है. एक औसत व्यक्ति को शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम लगभग 0.8 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है, जोकि आप किसी भी सोर्स से ले सकते हैं.

मिथक- प्रोटीन से सिर्फ मसल्स बनती है अगर आप भी सिर्फ मसल्स बनाने के लिए प्रोटीन पाउडर लेते हैं तो आपको बता दें, प्रोटीन पाउडर का काम सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है.

मिथक- प्रोटीन से वजन बढ़ता है बहुत से लोग वेट लॉस के लिए प्रोटीन लेना छोड़ देते हैं. जबकि सच्चाई ये है कि प्रोटीन न खाने से वजन कम नहीं होता है.

मिथक- प्रोटीन पाउडर संपूर्ण खाद्य स्रोतों की जगह ले सकते हैं प्रोटीन पाउडर संपूर्ण खाद्य स्रोतों की जगह ले सकते हैं ये सोचना गलत है. पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों से युक्त स्वस्थ आहार ही हमेशा आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए. 

मिथक- प्रोटीन डाइट हड्डियों और किडनियों के लिए हानिकारक होती है बहुत लोग मानते हैं कि उच्च प्रोटीन डाइट से एसिड बनता है, जो हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं है.

मिथक- शरीर में प्रोटीन की कमी होना बहुत आम है प्रोटीन की जरूरत हमारे शरीर को दैनिक कार्यों को करने के लिए होती है. इसलिए, इसकी कमी बहुत कम ही देखने को मिलती है.