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आजकल लोगों में डिप्रेशन की समस्या लगातार बढ़ रही है. छोटी उम्र के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, कोई भी अवसाद का शिकार हो सकता है.
सबसे बड़ी परशानी यह है कि कई बार हम करीब होकर भी नहीं जान पाते हैं कि हमारे आसपास कोई डिप्रेशन से जूझ रहा है.
ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपनी मेंटल हेल्थ के साथ-साथ अपने आसपास के लोगों की मेंटल हेल्थ का ध्यान रखें.
आज हम आपको बता रहे हैं ऐसी सात आदतों के बारे में जो अक्सर डिप्रेशन के बढ़ने का कारण बनती हैं.
खुद की तुलना दूसरों से करना- बार-बार दूसरों की सफलता से खुद को छोटा समझना आत्मविश्वास को कमजोर करता है.
अपनी गलती न मानना और उसी रवैये पर अड़े रहना- सुधार के बजाय जिद मानसिक थकान बढ़ाती है.
खुद के बारे में नकारात्मक बातें करना- “मैं बेकार हूं” जैसे विचार आत्म-सम्मान को नुकसान पहुंचाते हैं.
हमेशा मन में नकारात्मक सोच रखना- हर स्थिति में बुरा सोचना डिप्रेशन को और गहरा करता है.
शारीरिक गतिविधियों से दूरी बनाना- निष्क्रिय रहना मन और शरीर दोनों को सुस्त बना देता है.
नींद पूरी न करना- अनियमित या कम नींद मानसिक संतुलन को बिगाड़ सकती है.
बहुत ज्यादा सोते रहना- जरूरत से ज्यादा नींद भी डिप्रेशन का संकेत हो सकता है.