घर-काम, पति और बच्चों की देखरेख की वजह से महिलाएं अपनी सेहत पर ध्यान रखना बिल्कुल भूल जाती है. इस वजह से उनका शरीर धीरे-धीरे कमजोर होता चला जाता है.
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उम्र बढ़ने के साथ शरीर में बहुत बदलाव आते हैं. शरीर पहले की तरह फु्र्तीला नहीं रहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसी उम्र में पेरिमेनोपॉज की शुरुआत होती है.
क्या है कारण?
क्या है कारण?
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40 की उम्र के बाद महिलाओं से रेगुलर टेस्ट करवाने के लिए इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसी उम्र में हृदय रोग, ब्रेस्ट कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो जाती हैं, जिसके लिए टेस्ट करा लेना जरूरी है.
40 साल से ऊपर महिलाओं को डॉक्टरों द्वारा चेस्ट एक्स-रे कराने का सुझाव दिया जाता है.
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ब्रेस्ट टेस्ट कराना भी उतना ही जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर बढ़ती उम्र के साथ जोखिम को बढ़ाते हैं.
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महिलाओं का ब्लड प्रेशर 40 के बाद बढ़ जाता है. इस पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो दिल का दौरा और स्ट्रोक होने का खतरा रहता है. ऐसे में ब्लड प्रेशर जरूर चेक करा लें.
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डॉक्टर्स के अनुसार 30 की उम्र के बाद महिलाओं को हर पांच साल में कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच करानी ही चाहिए.
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पहले के मुकाबले इन दिनों विटामिन डी की कमी के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. महिलाएं अक्सर इस विटामिन की कमी का शिकार हो जाती हैं. समय पर टेस्ट जरूर करा लें.
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40 के बाद महिलाओं का वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, नाखूनों का टूटना और थकान आम दिक्कत बन जाती हैं. इसका एक सामान्य कारण अंडर एक्टिव थायराइड या हाइपोथायरायडिज्म है, जिसका टेस्ट करवाना जरूरी है.