बदलते मौसम में हर कोई जुकाम, खांसी से जूझ रहा है. लंबे समय तक खांसी, सांस फूलना और छींकना आम हो चला है.
उत्तर भारत में जनवरी, फरवरी और मार्च के महीने में फ्लू के कई मामले सामने आए हैं.
एम्स-दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने H3N2 वायरस को लेकर कहा कि त्योहारों के मौसम में लोगों को सावधान रहना चाहिए.
H3N2 वायरस एक तरह का इन्फ्लूएंजा A वायरस है, जो गंभीर है. लेकिन ये H1N1 वायरस (स्वाइन फ्लू) जितना खतरनाक नहीं है.
H3N2 वायरस एक रेस्पिरेटरी वायरल इन्फेक्शन है जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है. इसका सबसे पहला केस साल 1968 में सामने आया था.
H3N2 वायरस के लक्षणों में खांसी, नाक बहना या नाक बंद होना, गले में खराश, सिरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, ठंड लगना, थकान, दस्त, उल्टी और सांस फूलना शामिल हैं.
बचाव के लिए सबसे पहले वैक्सीन लगवाएं. इसके अलावा अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोते रहें, साथ ही सेनिटाइजर का इस्तेमाल करना न भूलें.
बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें. अगर आप छींक या खांस रहे हैं, तो मास्क जरूर पहनें.
H3N2 वायरस का इलाज काफी आसान है. इसमें आप जितना हो सके हाइड्रेटेड रहें. ज्यादा से ज्यादा लिक्विड चीजें लें. नारियल पानी पिएं.
लक्षणों से राहत पाने के लिए बुखार, खांसी या सिरदर्द के लिए नियमित ओवर-द-काउंटर दवाई ले सकते हैं.
अगर ये लक्षण बहुत दिन तक रहें तो डॉक्टर के पास जाएं और उनकी सलाह के अनुसार ट्रीटमेंट लें.