आयुर्वेद में हरीतकी को एक रामबाण औषधि बताया गया है. इसे आम भाषा में हरण या हर्र भी कहा जाता है. इसमें औषधीय गुणों का भंडार है.
हरीतकी में विटमिन सी, विटामिन के, अमीनो एसिड, मैग्नीशियम और एंटी ऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं.
आयुर्वेद में हरीतकी को कई सारी बीमारियों में इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. चलिए आपको इसके फायदे के बारे में बताते हैं.
हरीतकी को चूर्ण बनाकर खाया जाए तो ये कई बीमारियों में फायदेमंद होता है. इस चूर्ण को गुनगुने पानी से खाना चाहिए.
हरीतकी में नेचुरल लेक्सोटिव होता है, जो आंतों में फंसे मल को आसानी से निकालने में मदद करता है.
रोज रात को सोने से पहले एक चम्मच हरीतकी चूर्ण को गुनगुने पानी से खाने से कब्ज की समस्या खत्म होती है और डाइजेशन सही रहता है.
हरीतकी चूर्ण को डायबिटीज के मरीज भी आराम से खा सकते हैं. इससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है. इसको रोजाना खाने से बार-बार यूरिन की समस्या भी खत्म होती है.
कई बार सुबह उठने पर शरीर में जकड़न और दर्द महसूस होता है. ऐसे में हरीतकी चूर्ण को गुड़ के साथ मिलाकर रोजाना सुबह खाने से इस समस्या से छुटकारा मिलता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है.