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हरसिंगार या फिर पारिजात के फूल को अंग्रेजी में नाइट जैस्मीन कहते हैं. इसे रात की रानी के नाम से भी जाना जाता है. इस फूल को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के पूजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस फूल के आयुर्वेदिक गुणों की चर्चा पौराणिक कथाओ में भी है.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक पारिजात को छूने मात्र से ही व्यक्ति की थकान मिट जाती है. पारिजात के फूलों की सुगंध से सारा स्ट्रेस दूर हो जाता है.
पारिजात की छाल का सेवन जोड़ों के दर्द और गठिया जैसी समस्याओं में राहत देता है. यह सूजन को कम और मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है.
हरसिंगार के फूल और पत्तियों से तैयार काढ़ा बुखार, मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों में राहत प्रदान करता है. यह अनिद्रा की समस्या को दूर करने में सहायक होता है. इसका काढ़ा मानसिक शांति प्रदान करता है.
पारिजात के फूलों में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं.
हरसिंगार के छाल और फूल का सेवन सर्दी, खांसी और गले की खराश में बेहद फायदेमंद होता है. यह श्वसन तंत्र को साफ और कफ को कम करता है.
पारिजात की छाल और फूल पाचन तंत्र को सुधारने में मदद और अपच, गैस, कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है.
पारिजात के फूलों का पेस्ट त्वचा के मुंहासों और दाग-धब्बों को कम करता है और त्वचा को चमकदार बनाता है. इसके फूलों से बने तेल बालों को गिरने से रोकता है और उन्हें मजबूत बनाता है.
पारिजात की छाल लीवर की सफाई करता है और उसे स्वस्थ बनाए रखता है, जिससे पाचन तंत्र भी बेहतर होता है. पारिजात के पत्तों और छाल से बने लेप का उपयोग चोट या घावों पर किया जा सकता है. यह एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है.