साईटिका और जोड़ों के दर्द जैसे कई रोगों का इलाज है ये एक फूल

जब सभी दवाइयां काम करना बंद कर दें तब यह अमृत की तरह असर दिखाती है पूरी रात सुगंधी बिखेरता पारिजात,भोर होते ही अपने सभी फूल पृथ्वी पर बिखेर देता है. 

हरसिंगार के फूलों का उपयोग न सिर्फ पूजा पाठ में किया जाता है, बल्कि आयुर्वेद में सेहत के लिए भी यह लाभकारी माना गया है.

पत्तियों से लेकर जड़ों तक, हरसिंगार का पूरा पौधा विभिन्न उपचार गुणों के लिए बहुत उपयोगी है.

हरस‍िंगार के फूलों की सुगंध से सारा स्‍ट्रेस दूर हो जाता है. साथ ही घर में जहां तक इसकी खुशबू जाती है वहां तक सकारात्‍मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.

आयुर्वेद के अनुसार पारिजात के 15 से 20 फूलों या इसके रस का सेवन करने से हृदय संबंधित परेशान‍ियों से राहत म‍िलती है.

हरसिंगार का व्यापक रूप से ब्रोंकाइटिस, गठिया, अस्थमा, खांसी, मतली, गठिया, कब्ज आदि के उपचार में उपयोग किया जाता है.

हरसिंगार के फूल गैस्ट्रिक और सांस की शिकायत के लिए अद्भुत काम करते हैं.

हरसिंगार के पत्तों को साईटिका की बेस्ट दवा माना जाता है. आप इसके फूलों से काढ़ा बनाकर पी सकते हैं.

हरसिंगार के पत्तों के काढ़े से 15 मिनट पहले और 1 घंटा बाद तक ठंडा पानी ,दही लस्सी और आचार न खाएं. 

हरसिंगार के पत्तों से तैयार किया गया पेस्ट ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को कम कर सकता है.