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आजकल ज्यादातर महिलाएं अनचाहे प्रेगनेंसी से बचने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल करती हैं.
कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी को रोकने के लिए कोन्ट्रेसेप्टिव पिल्स का भी इस्तेमाल करती हैं.
बर्थ कंट्रोल पिल्स को लेकर कई लोगों को लगता है कि इससे ब्रेस्ट कैंसर होता है. आइए जानते हैं इसके पीछे का सच.
डॉक्टरों के मुताबिक गर्भ निरोधक गोलियों में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन होते हैं, जो महिलाओं को प्रेगनेंट होने से रोकते हैं.
लंबे समय तक गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन महिलाओं में इंफर्टिलिटी का कारण बन सकती हैं.
इतना ही नहीं, गर्भ निरोधक गोलियां शरीर में हार्मोन को कंट्रोल करती हैं.
गर्भ निरोधक गोलियां ब्रेस्ट में सेल्स की ग्रोथ बढ़ा देती हैं. इससे ब्रेस्ट कैंसर की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं.
गर्भ निरोधक गोलियों में काफी अधिक मात्रा में एस्ट्रोजन होता है, जो ब्रेस्ट टिश्यू में कोशिकाओं को बढ़ता है. इससे ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बढ़ सकती है.
इसके अलावा गर्भ निरोधक गोलियां ब्लड क्लॉटिंग, हार्ट अटैक, माइग्रेन का खतरा बढ़ाती हैं.