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पेशाब करना हमारे शरीर को डिटॉक्स करने का एक नेचुरल प्रोसेस है. लेकिन जब इस प्रोसेस में कोई गड़बड़ी होती है तो ये आपके पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है.
अगर आप एक दिन में कई-कई बार पेशाब करने जाते हैं या आप बहुत कम बार पेशाब करने जाते हैं तो ये एक संकेत है कि आपके शरीर और लाइफस्टाइल में कुछ गड़बड़ी है.
एक स्वस्थ व्यक्ति एक दिन में 6 से 8 बार भी वॉशरूम जाए तो सामान्य है. लेकिन ये नंबर खास स्थितियों में बदल भी सकते हैं.
पेशाब की फ्रीक्वेंसी कुछ स्थितियों पर निर्भर करती है. जैसे जो व्यक्ति ज्यादा पानी पीते हैं उन्हें दिनभर में कई बार पेशाब आ सकती है. वहीं जो व्यक्ति दिनभर में कम पानी पीते हैं उन्हें पेशाब कम भी आ सकती है.
खाने में ज्यादा लिक्विड फूड्स का सेवन करने से भी पेशाब ज्यादा आ सकती है. कई बीमारियों की दवा पेशाब की फ्रीक्वेंसी को बढ़ा देती है.
यूटीआई (UTI) की स्थिति में भी पेशाब की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाती है और पेशाब करते समय जलन महसूस हो सकती है.
डायबिटीज भी पेशाब ज्यादा आने का कारण बन सकता है. क्योंकि शरीर एक्स्ट्रा शुगर को पेशाब के रास्ते ही बाहर निकालने की कोशिश करता है.
हार्ट से जुड़ी बीमारियों का भी पेशाब की फ्रीक्वेंसी पर असर हो सकता है और ये आपके पेशाब की फ्रीक्वेंसी को कम कर सकते हैं.
इसलिए अगर आप दिन में 7 से 8 बार पेशाब करते हैं तो ये नॉर्मल है.