अपनी भूख को पहचानें और खाना सिर्फ तब खाएं, जब भूख हो. उतना ही खाना खाएं कि 3 घंटे बाद फिर कुछ खा सकें.
कई बार हम प्यास को भूख समझ कर खाना खा लेते हैं. इससे कैलोरी इंटेक ज्यादा हो जाता है और वजन बढ़ सकता है. इसलिए भूख और प्यास के अंतर को पहचानें.
स्वस्थ और संतुलित भोजन करें जिसे पचाना आसान हो और कैलोरी कम हो. लेकिन उर्जा से जरूरी पोषक तत्व ज्यादा हों.
जब भी खाना खाने बैठें, खाने के प्रति आभार प्रकट करें. इससे खाने के प्रति सम्मान बढ़ेगा और शरीर को पोषण भी मिलेगा.
खाना खाते समय न टीवी देखें और न ही मोबाइल सिर्फ खाने पर फोकस करें.
आप जो भी खाना खा रहे है पूरे मन से खाएं और खाते समय बात न करें.
अपनी प्लेट में उतना ही खाना लें, जितना भूख हो. पहले लिया हुआ खाना खत्म करें, उसके बाद ही दोबारा लें.
खाना धीरे-धीरे और अच्छी तरह चबाकर खाएं इससे ओवरईटिंग से बचने में मदद मिलेगी. खाना भी अच्छे से पचेगा
खाना खाने के आधा या 1 घंटे पहले पानी पिएं. इससे ओवरईटिंग से बचने और खाने के बीच प्यास लगने की संभावना बढ़ जाती है.