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अगर आपका बच्चा बार-बार बीमार होता है तो इसका कारण ग्रह का कमजोर होना भी हो सकता है.
इसमें भी पहले आठ वर्ष तक चंद्रमा विशेष शक्तिशाली होता है. इसके बाद बुध का प्रभाव ज्यादा होता जाता है.
किसी बच्चे को स्वस्थ बनाने के लिए मुख्य रूप से चंद्रमा का ध्यान रखना होगा. इसके बाद कुछ अंशों में सूर्य पर भी ध्यान देना होगा.
अगर बच्चे को पीलिया हो गया हो बच्चे को तो सूर्य की रोशनी में कम से कम दस मिनट तक रोज रखें. बच्चे को सूर्य की रौशनी वाले जल से स्नान करवाएं. बच्चे को लाल रंग के वस्त्र ज्यादा धारण करवाएं.
अगर बच्चे को सर्दी जुकाम ज्यादा होता हो तो बच्चे को नित्य प्रातः और सायं नमक के पानी से स्नान करवाएं. बच्चे के गले में चांदी का अर्धचंद्र लाल धागे में धारण करवाएं. बच्चे के लिए सोमवार को सफ़ेद चीज का दान करें.
अगर बच्चे को पेट की समस्या ज्यादा होती हो तो बच्चे के गले में एक तांबे का सूर्य धारण करवाएं. बच्चे को कुछ समय धूप में जरूर रखें. बच्चे को ज्यादा से ज्यादा सफ़ेद और हल्के रंग के वस्त्र धारण करवाएं.
अगर बच्चे को चोट चपेट ज्यादा लगती हो तो मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर जाएं. हनुमान जी को लगाया हुआ थोड़ा सा सिन्दूर लाएं. बच्चे को यही सिन्दूर माथे पर या कंठ पर लगाएं.