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अक्सर किसी के सुसाइड करने के बाद लोग कहते हैं, 'हमें पता ही नहीं चला कि उसके दिमाग में ऐसा कुछ चल रहा था.' इसलिए बहुत जरूरी है कि आप छोटे-छोटे संकेतों को समझें.
किसी के दिमाग में सुसाइडल विचार चल रहे हैं इसके बारे में आप उनकी बातों से अंदाजा लगा सकते हैं. जैसे अगर कोई कहता है, 'मैं मरना चाहता हूं या मैं अब और जीना नहीं चाहता.'
बातों-बातों में इनडायरेक्टली अगर कोई कहता हैं, 'अगर मैं चला गया तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा या ज़िंदगी में अब कुछ नहीं बचा.' इस तरह की बातों से आप सामने वाले की मनोस्थिति समझ सकते हैं.
अगर कोई अपने दोस्तों, परिवार या पसंदीद एक्टिविटीज से दूरी बना रहा है या कोई ज्यादा नशा कर रहा है तो भी आपको अलर्ट हो जाना चाहिए.
मनोवैज्ञानिक संकेतों की बात करें तो किसी का निराश रहना या बेकार होने की भावना को महसूस करना. किसी का खुद को बोझ समझना. सुसाइड का सोचना.
ऐसे संकेत दिखने पर सबसे पहले तो कोशिश करें कि आप उस इंसान से बात करें. उनसे सीधे पूछें कि क्या आप आत्महत्या के बारे में सोच रहे हैं. उनसे बात करने की कोशिश करें.
सहानुभूति के साथ उनकी बात सुनें और समझने की कोशिश करें. उन्हें उनकी भावनाओं के बारे में खुलकर बात करने दें.
ज्यादा से ज्यादा उस इंसान के साथ रहें. उनके आसपास से खतरनाक चीजों जैसे नींद की गोलियां या कोई और दवा, कोई चाकू या नुकीला हथियार आदि को हटा दें.
अगर तुरंत खतरा हो तो आपको इमरजेंसी सर्विस (112) पर कॉल करें और मदद मांगें.