सामान्य रूप से बच्चे का जन्म 9 महीने गर्भ में रहने के बाद होता है. वहीं, ऐसे बच्चे जिनका जन्म समय से पूर्व हो जाता है. उसे प्रीमेच्योर बेबी कहा जाता है.
डॉक्टर प्रीमेच्योर बेबी का विशेष ख्याल रखने की सलाह देते हैं. अगर आपके घर में प्रीमेच्योर बेबी का जन्म हुआ है, तो बच्चे की देखभाल के लिए इन बातों को जरूर ध्यान रखें.
प्रीमेच्योर बेबी को हमेशा ब्रेस्टफीड करवाएं. कम से कम 6 महीने तक मां का दूध पिलाएं. इसके बाद ही गाय का दूध पिलाएं.
प्रीमेच्योर बेबी को दिन में कम से कम 8 या 10 बार दूध जरूर पिलाएं. दो बार दूध पिलाने के मध्य कम से कम 2 घंटे का अंतर होना चाहिए.
बच्चे की सेहत को मॉनिटर करें. उसके विकास पर ध्यान दें. अक्सर ऐसा देखा जाता है कि प्रीमेच्योर बेबी का विकास सही से नहीं हो पाता है.
बच्चे की सुनने और देखने की शक्ति में अंतर हो सकता है. इसके लिए नियमित अंतराल पर डॉक्टर से अवश्य सलाह लें.
प्रीमेच्योर बेबी को नींद बहुत आती है. इसके लिए घर का वातावरण शांत रखें. ज्यादा शोरगुल न करें. इससे बच्चे की नींद में खलल हो सकती है.
वहीं, बच्चे को हमेशा पीठ के बल सुलाएं. प्रीमेच्योर बेबी को तकिया न लगाएं. अगर बच्चे को नहलाना चाहते हैं, तो गुनगुने गर्म पानी से नहलाएं.
बच्चे को कब भूख लगती है, कब नींद लगती है ? इन सब चीजों का ध्यान रखें. बच्चे को कभी अकेला न छोड़ें. बच्चे को आसपास रखकर ही काम करें.