सर्दियों में कई सांस की बीमारियां होती हैं. ये जरूरी नहीं है कि हम उसे कोविड-19 ही समझें.
भारत में सर्दियां कॉमन कोल्ड, फ्लू और रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस (RSV) संक्रमण के खतरे को भी बढ़ा देती हैं.
यह जरूरी है कि इन अलग-अलग संक्रमणों के लक्षणों में उस विशेष अंतर को नोट किया जाए, जो इन्हें कोविड-19 से अलग करता है.
स्वाद और गंध की कमी कोविड-19 का महत्वपूर्ण लक्षण माना जाता है. इसमें आपको सांस की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है.
सामान्य सर्दी में नाक और गले का इंफेक्शन आम है. इसके लक्षणों में खांसी, बहती नाक, बंद नाक, छींक आना, गला खराब होना, सांस लेने में कठिनाई, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बदन दर्द, उल्टी, डायरिया आदि शामिल हैं.
इन्फ्लुएंजा या फ्लू इन्फ्लूएंजा सांस संबंधी बीमारियों का कारण बनता है. इसके लक्षणों में खांसी, थकान, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, शरीर में दर्द, बहती नाक, छींक आना, गला खराब होना, उल्टी और डायरिया आदि शामिल हैं.
शिशुओं सहित बच्चों में, पहला संक्रमण गंभीर ब्रोंकियोलाइटिस का कारण बन सकता है जो कभी-कभी घातक हो सकता है.
बड़े बच्चों और वयस्कों में बार-बार अपर रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट इंफेक्शन आम हैं और सबक्लीनिकल इंफेक्शन से लेकर सिंपटोमिक अपर रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट के रोग तक होते हैं.
रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस में खांसी, बहती या भरी हुई नाक, घरघराहट, छींक आना, बुखार और सिरदर्द कॉमन लक्षण हैं.
हालांकि, घर में कोई भी उपाय करने या राय बनाने से पहले डॉक्टर से जरूर बात करें.