एमपॉक्स से कैसे हो सकता है बचाव?

Image Credit: Meta AI

दुनिया में MPox वायरस तेजी से फैल रहा है. भारत में भी इस वायरस से बचने की तैयारी हो रही है. चलिए आपको बताते हैं कि ये कैसे फैलता है.

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अगर कोई एमपॉक्स वायरस से संक्रमित इंसान या जानवर के संपर्क में आता है तो वो भी इस वायरस से संक्रमित हो सकता है.

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यह वायरस फिजिकल और सेक्शुअल कॉन्टैक्ट रखने से फैलता है. स्किन, मुंह या घावों के सीधे संपर्क में आने से यह वायरस फैल सकता है.

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यह कपड़े, बिस्तर, तौलिया, बर्तन और सलाइवा से फैल सकता है. इसके अलावा यह मां से बच्चे में फैल सकता है. स्किन टू स्किन संपर्क से भी संक्रमित होने का खतरा है.

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एमपॉक्स वायरस टैटू की दुकान, पॉर्लर जैसी पब्लिक जगहों पर यूज होने वाली कॉमन चीजों से भी फैल सकता है.

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संक्रमित जानवरों के काटने, खरोंचने या जानवरों के साथ दूसरी एक्टिविटी से भी वायरस इंसानों में फैल सकता है.

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एमपॉक्स से पीड़ित इंसान के शरीर पर दाने हो जाते हैं. इसमें हाथ, पैर और चेहरे पर पर दाने हो जाते हैं. 

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इससे संक्रमित इंसानों को बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है. कई बार ये जानलेवा भी साबित होते हैं.

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एमपॉक्स से बचने के लिए बार-बार हाथ धोना चाहिए. इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें. मास्क और दस्ताने का इस्तेमाल करें. व्यक्तिगत चीजों को शेयर करने से बचें.

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15 अगस्त को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स को इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. अब तक दुनिया में 20 हजार केस मिल चुके हैं.

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