कितना जानलेवा है निपाह वायरस? ऐसे करें बचाव 

कोरोना महामारी के आने के बाद से लोग सेहत को लेकर सतर्क हो गए हैं.

दरअसल, निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है. ये जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है. पहली बार इसकी पहचान 1998 में मलेशिया और सिंगापुर में की गई थी.

टेरोपस प्रजाति के चमगादड़ को निपाह वायरस का कारण माना जाता है.

चमगादड़ इस वायरस को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं. वे इसे अपने मूत्र, लार और मल में बहा सकते हैं.

निपाह वायरस के लक्षणों में बुखार और सिर दर्द शुरुआती लक्षण है.

इसके अलावा आपकी मांसपेशियों में दर्द, थकान और कमजोरी हो सकती है.

कुछ रोगियों में खांसी और सांस लेने में कठिनाई सहित श्वसन संबंधी लक्षण भी देखे गए हैं.

गंभीर मामलों में, संक्रमण एन्सेफलाइटिस (दिमाग की सूजन) में बदल सकता है, जिससे व्यक्ति कोमा में जा सकता है.

निपाह वायरस इन्फेक्शन के लिए कोई अलग से एंटीवायरल ट्रीटमेंट नहीं है.

वायरस को आगे फैलने से रोकने के लिए संक्रमित व्यक्तियों को अलग-थलग कर दिया जाता है, यानि उन्हें आइसोलेशन में रखा जाता है.

यहां कही गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. कुछ भी अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें.