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नॉन-स्टिक बर्तनों में इस्तेमाल होने वाली कोटिंग अधिक गर्म होने पर हानिकारक केमिकल छोड़ सकती है.
टेफलॉन कोटिंग अधिक तापमान पर गर्म होने से जहरीली गैसें पैदा कर सकती है, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकती हैं.
ज्यादा खरोंच पड़ने पर नॉन-स्टिक बर्तनों की कोटिंग खाने में मिल सकती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
कुछ नॉन-स्टिक बर्तनों में PFOA और PFAS जैसे केमिकल्स होते हैं, जो हार्मोनल असंतुलन और कैंसर जैसी बीमारियों से जुड़े हो सकते हैं.
नॉन-स्टिक बर्तनों को मेटल के चम्मच से खरोंचने पर उनकी परत जल्दी खराब हो सकती है, जिससे उनकी उम्र कम हो जाती है.
कम गुणवत्ता वाले नॉन-स्टिक बर्तन धीरे-धीरे अपनी परत छोड़ सकते हैं, जो पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि नॉन-स्टिक बर्तनों में ज्यादा तेल का उपयोग करने से कोटिंग की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है.
सस्ते और कम गुणवत्ता वाले नॉन-स्टिक बर्तनों में लेड और कैडमियम जैसे हानिकारक तत्व हो सकते हैं.
स्वस्थ जीवन के लिए स्टेनलेस स्टील, कास्ट आयरन या मिट्टी के बर्तनों का उपयोग नॉन-स्टिक की तुलना में अधिक सुरक्षित हो सकता है.
नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. कुछ भी अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.