कभी-कभी हमें पता होता है कि कोई आदत हमें नुकसान पहुंचाने वाली है लेकिन हम फिर भी उसे छोड़ नहीं पाते हैं.
इन बुरी आदतों में एक ओवरस्पेंडिंग या ज्यादा खर्च करना भी शामिल है.
अगर ये कंट्रोल न हो तो आगे चलकर आपको परेशानी हो सकती है. इतना ही नहीं ये आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकती है.
बिना सोचे समझे किसी भी सामान को खरीदने की ये आदत काफी नुकसानदायक है.
कुछ लोग अपनी इनकम से ज्यादा खर्च करते हैं. जैसे कोई फिजूल की चीज खरीदना, सब्सक्रिप्शन या कोई सर्विस जिसकी हमें जरूरत नहीं है.
देखते ही देखते आपको ओवरस्पेंडिंग की लत लग जाती है.
हालांकि, आपको कुछ समय के लिए लग सकता है कि ये एक फाइटिंग मैकेनिज्म है. लेकिन ऐसा नहीं होता है.
एक समय आता है जब लोग ओवरस्पेंडिंग करते हुए बाइंग-शॉपिंग डिसऑर्डर या कम्पलसिव शॉपिंग डिसऑर्डर का शिकार हो जाते हैं.
ये नशे की लत के सामान ही होता है.
दरअसल, हमारा दिमाग रिवॉर्ड सिस्टम पर वर्क करता है. हमारी एक्टिविटी के हिसाब से ये डोपामाइन रिलीज करता है और उसी काम को करने के लिए मोटीवेट करता है.
धीरे-धीरे आपको इसका एडिक्शन होने लगता है और फिर आप न चाहते हुए भी वही काम करते हैं.