ब्रेस्टफीडिंग मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद माना जाता है.
ब्रेस्टफीडिंग करवाने के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं. चलिए पहले जानते हैं ब्रेस्टफीडिंग के फायदे.
मां के दूध में अनेकों रोग प्रतिरोधक क्षमताएं होती हैं जो बच्चों को संक्रमण से बचाते हुए स्वस्थ रखता है.
ज्यादातर ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को पीरियड्स नहीं आते हैं क्योंकि इस दौरान ओवुलेशन नहीं होता है. इसलिए कुछ समय के लिए पीरियड्स से भी ब्रेक मिलता है.
ब्रेस्टफीडिंग करवाने से डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है.
बच्चे के जन्म के बाद पहले छह महीने तक ब्रेस्टफीडिंग कराना जरूरी होता है.
ब्रेस्ट मिल्क पंप करने में भी कुछ महिलाओं को असहज महसूस हो सकता है.
कई महिलाओं को डिलीवरी के पहले हफ्ते में स्तनपान कराने में परेशानी आती है.
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कुछ महिलाओं को ब्रेस्ट इंफेक्शन जैसे कि मैस्टिटिस का खतरा रहता है.