जब दिमाग में किसी तरह का इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बेंस पैदा होता है तो दौरे पड़ते हैं. इसे ही मिर्गी कहते हैं.
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अगर मिर्गी के दौरों को कम करना है तो उसके लिए कुछ चीजों को समझना और उसको रोकना जरूरी है. चलिए मिर्गी के ट्रिगर्स बारे में बताते हैं.
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नींद की कमी या अनियमित नींद का पैटर्न या अच्छे से नींद नहीं आना मिर्गी के दौरे पड़ने का कारण बन सकते हैं.
भावनात्मक तनाव दिमाग की एक्टविटी को बाधित कर सकते हैं. दवा या थिरेपी के जरिए समस्या को कम किया जा सकता है.
कुछ मिर्गी के मरीजों में चमकती रौशनी भी दौरे को ट्रिगर कर सकती है. धूप का चश्मा जैसे सुरक्षात्मक उपायों की मदद से इसे कम किया जा सकता है.
मिर्गी के मरीज को शराब और नशीली दवाओं से बचना चाहिए. इसके सेवन से दौरे पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है.
इसके अलावा भी कई हार्मोनल बदलाव जैसे मासिक धर्म या गर्भावस्था मिर्गी के दौरे को प्रभावित कर सकती है.
कुछ मिर्गी के मरीजों के लिए खाना छोड़ना भी घातक हो सकता है और दौरे पड़ने का कारण बन सकता है.
मिर्गी के मरीज जो दवा ले रहे हैं. उन दवाओं की खुराक ना लेने से भी दौरे पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.