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अक्सर घर के बड़े-बूढ़े खड़े होकर पानी पीने से मना करते हैं. उनका कहना है कि ऐसा करने से घुटने खराब हो जाते हैं.
हालांकि, ये कितना सच है या झूठ इसका सीधा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
आयुर्वेद और कुछ पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से पानी तेजी से शरीर में प्रवाहित होता है, जिससे पेट और पाचन तंत्र पर ज्यादा दबाव पड़ सकता है.
यह माना जाता है कि इससे पाचन प्रणाली सही तरीके से काम नहीं कर पाती और शरीर में अशुद्धियां जमा हो सकती हैं, जो आगे चलकर जोड़ों में दर्द या घुटनों की समस्या का कारण बन सकती हैं.
हालांकि, इस दावे के समर्थन में कोई ठोस वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है जो यह साबित कर सके कि खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए.
इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि घुटनों की समस्या अधिकतर उम्र, वजन, चोट, और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी स्थितियों के कारण होती है, न कि केवल खड़े होकर पानी पीने से.
फिर भी, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से बैठकर पानी पीना शरीर के लिए ज्यादा लाभकारी माना जाता है.
बैठकर पानी पीना... धीरे-धीरे इसे पचने में मदद करता है और शरीर को संतुलन में रखता है.
नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.