हिमालय क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में उगने वाली कुटकी में हेपेटोप्रोटेक्टिव और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं.
इसका सेवन करने से पीलिया, लीवर, पाचन, सास से संबंधित बीमारियां, गले में खराश जैसी बीमारियां बहुत तेजी से ठीक होती है.
कीड़ा या यारसागंबू जड़ी भी हिमालय क्षेत्र में पाई जाती है, जिसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं.
यारसागंबू का इस्तेमाल शक्तिवर्धक और कैंसर की दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है.
हिमालयी क्षेत्रों में उगने वाली जम्बू बूटी का इस्तेमाल करी, सूप, अचार में बनाने में किया जाता है.
इसके सेवन से सर्दी-जुखाम, बुखार, पेट की समस्याएं, स्किन की ग्लो, डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
अतीस एक पौधा है, जिसके फूल, पत्ते और जड़ में कई गुण पाए जाते हैं, जो कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मददगार होते हैं.
इसका सेवन करने से इम्यूनिटी बेहतर, सर्दी-खांसी, बुखार, डायरिया, अपच, कब्ज की समस्या दूर होती है.
कैलेमस जड़ी का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है. इसे पेटदर्द, सिरदर्द, बुखार और टायफायड का रामबाण औषधि माना जाता है.