कई बार आपको टांगों के निचले हिस्से यानी पिंडली में दर्द महसूस होता होगा , जिसको इग्नोर करने की भूल न करें.
टांगों के निचले हिस्से में दर्द के साथ अकड़न भी महसूस होती होगी. दर्द कम नहीं होने पर डॉक्टर अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट कराने की सलाह भी देते हैं.
मांसपेशियों में ऐंठन आना, नील पड़ना इसके साथ ही डायबिटिक पेरीफेरल न्यूरोपैथी की हालत में नसों पर प्रभाव पड़ता हैं. नसों को नुकसान पहुंचने पर पैर, टांग और पिंडलियों में दर्द होता हैं.
साइटिका होने पर नसों पर असर पड़ता हैं. यह दर्द मांसपेशियों में खिंचाव और थकान के कारण भी हो सकता हैं, जिसकी वजह से पिंडली का हिस्सा सुन्न पड़ जाता है.
अकड़न महसूस होना, आस-पास सूजन हो जाना, पिंडली में कमजोरी या दर्द होना. ये कुछ लक्षण है जिनको पहचान कर आप सही इलाज ले सकते हैं.
पिंडली में होने वाले दर्द को कई तरीकों से रोका जा सकता हैं. जैसे सही जूते-चप्पलों का चुनाव करके. व्यायाम और स्ट्रेचिंग करके.
एक्सरसाइज करने से भी मांसपेशियों में गतिशीलता आती हैं और मासपेशियां मजबूत होती हैं.
बॉडी में पानी की कमी होने पर पिंडलियों में दर्द होता है ऐसे में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और मांसपेशियों की ऐंठन से दूर रहे.
मांसपेशियों को स्ट्रेच करके भी पिंडली के दर्द को दूर किया जा सकता हैं. स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों में मजबूती आती है और दर्द भी खत्म हो जाता हैं.
पिंडलियों में दर्द होना आम बात है, लेकिन अगर ये दर्द बढ़ जाए तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.